फारुख अब्दुल्ला का जीवन परिचय कौन है, शादी, बायोग्राफी, उम्र, कमाई, सम्पति, नेटवर्थ (Farooq Abdullah Biography in Hindi bio, wife, income, age, networth, politician)
एक राजनेता जो हमेशा सुर्खियों और विवादों से चोली दामन का साथ रहा। कभी उन्होंने खुद को अपने पूर्वज हिन्दू होने का दावा किया तो कभी हिंदू बिरोधी गतिविधियों में शामिल रहे। वो हैं फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah), जानते हैं इस लोकप्रिय और कदावर नेता के बारे में। यू तो ये किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं क्योंकि ये तीन बार जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इनके पिता शेख अब्दुल्ला थे तो पुत्र उमर अब्दुल्ला, कश्मीर के ये एक पारिवारिक वंशज हैं जिनका रुतबा हमेशा विधि व्यवस्ता और सत्ता पर बना रहा।
फारुख अब्दुल्ला का जीवन परिचय (Farooq Abdullah Biography in Hindi)
श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में 21 Oct 1937 (उम्र 85) को जन्मे फारूक अब्दुल्ला एक रिहायसी परिवार से आते है। इनकी माता का नाम स्वर्गीय श्रीमती अकबर जहां बेगम और इनके पिता स्वर्गीय श्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला, जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके थे और एक लोकप्रिय राजनीतिज्ञ थे। इनका एक भाई शेख मुस्तफा कमल और बहन सुरैया अब्दुल्ला हैं। इनकी प्रारंभिक शिक्षा ट्रायंडले बिस्कोए स्कूल से हुई। आगे इन्होने MBBS की पढाई जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद इंगलैंड चले गए और वहां फारुख अब्दुल्ला ने एक डॉक्टर के रूप में काम किया। उनकी पत्नी का नाम श्रीमती मॉली अब्दुल्लाह है। मॉली एक ब्रिटिश नागरिक थी, फारुख अब्दुल्ला के संपर्क में वो उनके इंगलैंड में काम करने के दौरान आयी थी। मॉली पेशे से एक नर्स थी, यही इन दोनों के बीच में प्यार हो गया और शादी के बंधन में बंध गए। इनसे इनको एक पुत्र और दो पुत्री है।

फारूक अब्दुल्ला का राजनितिक कैरियर (Farooq Abdullah Political Career)
फारुख अब्दुल्ला को राजनीती और सत्ता अपने पिता और Jammu & Kashmir National Conference के संस्थापक शेख अब्दुल्ला द्वारा विरासत में मिली थी। फारुख अब्दुल्ला की राजनीतिक श्रीनगर लोकसभा चुनाव और उसके जीत से हुई। उसके बाद उनको नेशनल कांफ्रेंस का अध्यक्ष बनाया गया। इनके पिता के मौत हो जाने के बाद 1982 में ये जम्मू और काश्मीर के मुख्यमंत्री भी बने। राज्य में आतंकी गतिविधि अधिक बढ़ जाने के कारन अब्दुल्ला सरकार भी इसको नियंत्रित करने में असफल दिखने लगी, पार्टी में विद्रोह की स्थित दिखने लगी इनके ही एक विधायक गुट गुलाम मोहम्मद शाह ने पार्टी चोर दी सरकार अल्प मत में आ गयी और गिर गई। 1987 में फिर से विधानसभा चुनाव हुए फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस के साथ मिल कर फिर जीत दर्ज की और एक बार फिर से मुख्यमंत्री बने लेकिन कांग्रेस ने इन पर चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया। इस समय काश्मीर में आतकंवाद चरम पर था ऐसा मानो पकिस्तान और भारत का ये राज्य एक हो गया हो। अलगाववादी काफी सक्रिय थे, हिन्दू पंडित धीरे धीर या तो मार दिए जा रहे थे या फिर उनका पलायन हो रहा था। इसी दौरान एक केंद्रीयमंत्री के बेटी का भी अपहरण हुआ था। माहौल बिगड़ते देख राज्यपाल बदल दिए गए जिसके विरोध में अब्दुल्ला सरकार ने इस्तीफा दे दिया और खुद इंग्लैंड चले गए।
कुछ सालो बाद फिर से अपने देश लौटे विधानसभा चुनाव हुआ जिसमे फिर से इनकी जीत हुए, इस बार मुख्यमंत्री के रूप में इनका पांचवा शपथ था। ये सरकार इनकी लम्बी चली। फारुख अब्दुल्ला के नेशनल कांफ्रेंस ने अटल बिहारी वाजपेई के NDA को ज्वाइन कर लिया फिर बाजपेयी सरकार में उनके बेटे उमर अब्दुल्ला केंद्रीय राज्य मंत्री बने। 2002 में फारुख अब्दुल्ला फिर से जम्मू और काश्मीर में विधानसभा चुनाव हार गए, ये चुनाव इनके बेटे उमर अब्दुल्ला की अध्यक्ष्ता में लड़ा गया था। चुनाव हार जाने के कारण जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और अपने बेटे उमर को पार्टी की कमान दी।
फारुख अब्दुल्ला अब केंद्रीय राजनीती में आ गए जहां 2002 राजयसभा सदस्य बने, फिर सदस्य रक्षा समिति, सलाहकार समिति। ये सीलसिला चलता रहा। 2009 में इन्होने फिर से लोकसभा चुनाव जीता और केंद्रीय मंत्री बनाये गए। लेकिन 2014 में चुनाव हार गए।
सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत 16 सितंबर 2019 को गिरफ्तार कर लिया गया और 13 मार्च 2020 को नज़रबंदी PCA के तहत छोड़ दिया गया। ये सब जम्मू और काश्मीर में आये बदलाव के कारण किया गया था जिसमे धारा 370 भी एक प्रमुख है।
फारुख अब्दुल्ला सम्पति (Farooq Abdullah Networth)
जैसा की हम सब को पता है, फारुख अपने पिता के ज़माने से ही रहीशो वाली जीवन जीते आ रहे हैं। उनके पिता जम्मू और कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री थे, फिर फारुख अब्दुल्ला बने और उसके बाद उनके बेटे उमर अब्दुल्ला। लेकिन जैसे की जानकारी निकल कर आ रही ये लगभग 25 करोड़ की सम्पति के मालिक हैं। इनका महीने का वेतन और सारी सुख सुविधा अलग से है।
अब्दुल्ला परिवार की जीवनी किताब से (Bio by Book)
हाल में ही पत्रकार अश्विनी भटनागर और आरसी गंजू द्वारा लिखित फारूक ऑफ कश्मीर पुस्तक का विमोचन किया गया। जिसमे इनके बचपन से लेकर राजनतिक पृष्ठ्भूमि को बताया गया है। इस पुस्तक में आतंकवाद और उस से जुड़े खुनी खेल का भी जिक्र है। अगर आप फारुख अब्दुल्ला से सम्बंधित राजनीती, कश्मीर का इतिहास और आज के दृश्य को देखना चाहते हैं तो आप ये पुस्तक पढ़ सकते हैं।
फारुख अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला कश्मीर को एक मुस्लिम देश बनाना चाहते थे। शेख अब्दुल्ला ने माना था उनके पूर्वज हिन्दू थे अर्थात कश्मीरी पंडित। शेख अब्दुल्ला के परदादा का नाम बालमुकुंद कौल था। उनके पूर्वज मुख्य रूप से सप्रू गोत्र के कश्मीरी ब्राह्मण थे। अफग़ानों के शासनकाल में उनके एक पूर्वज रघूराम ने एक सूफी के हाथों इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था। इन सबका परिवार पश्मीने का व्यापार करता था और अपने छोटे से निजी कारख़ाने में शाल और दुशाले तैयार कर बाज़ार में बेचता था। यह सब बातें शेख अब्दुल्ला ने अपनी आत्मकथा आतिशे चीनार में लिखा है। यही कारण है फारुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला अपने भाषण में या मंदिर में जा कर कभी कभी पूजा करते दिख जायेंगे।
Conclusion
इस लेख में हमने फारुख अब्दुल्ला की जीवनी के बारे में जानकारी साझा की, यहाँ हमनें उनकी जीवनी, कौन है, शादी, बायोग्राफी, उम्र, कमाई, सम्पति, नेटवर्थ के बारे में बताया है. (Farooq Abdullah Biography in Hindi, bio, wife, income, age, networth, politician) आशा है आप सभी को ये पसंद आयी होगी। कमेंट में जरूर बतायें।
FAQs
प्रश्न: फारूक अब्दुल्ला का जन्म कब हुआ?
उत्तर: 21 अक्टूबर 1937
प्रश्न: फारूक अब्दुल्ला के पिता कौन थे?
उत्तर: शेख अब्दुल्ला
प्रश्न: फारूक अब्दुल्ला की सम्पत्ति कितनी हैं?
उत्तर: संपत्ति 25 करोड़
प्रश्न: क्या फारूक अब्दुल्ला स्मोक करते हैं?
उत्तर: पता नहीं
प्रश्न: क्या फारूक अब्दुल्ला शराब पीते हैं?
उत्तर: पता नहीं
प्रश्न: फारूक अब्दुल्ला की जाती क्या हैं?
उत्तर: मुसलमान